संदेश

सितंबर, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Introverts ke questions

चित्र
  introverts ke bare me puche jane wale kuch sawalo ke jawab. Question - introverts ki sabse badi problem kaun si hai?  Answer – "Phone calls" aur "kahi bahar bheed wali jaghe par jana" ye 2 introverts ki sabse badi problem hai, matlab alag tarhe ki anxiety.  Question – मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं अंतर्मुखी हूं?  Answer – इन कुछ बातो से आप पता कर सकते है की आप अंतर्मुखी है या नहीं - 1. सबसे पहले तो आपको phone calls से परेशानी होगी खासकर video calls से।  2. आपको भीड़ मे बहुत problem होती है आप भीड़ मे comfortable feel नहीं करते है।  3. आपको parties पसंद नहीं है इसके बजाए आप अकेले रहना पसंद करते है ।  ये बताई गई बाते शरमीले या कम आत्मविश्वास वाले लोगो मे भी होती है लेकिन जब इन सब की practice करते है वो तो उन्हे आदत पढ़ जाती है लेकिन अंतर्मुखी लोगो के साथ ऐसे नहीं होता है वो हमेशा ऐसे ही रहते है।  Question - अंतर्मुखी व्यक्तित्व की विशेषताएं?  Answer –  1. अंतर्मुखी व्यक्ति को कुछ भी बता सकते है बहुत कम chance है की वो किसी और को ...

Bruno

चित्र
   Bruno सिया बहुत प्यार करती थी अपने pet से, dog था, Bruno नाम था उसका, कोई भाई बहन नही था उसका इसलिए उसके पापा ने लाकर दिया था उसे Bruno ।  2 साल मे वो एकदम family member जैसा हो गया था । पर एक दिन Bruno अचानक से गायब हो गया। सिया के मम्मी पापा बाहर गए हुए थे, सिया Bruno के लिए घर मे ही रुक गई थी, शाम के time वो Bruno को घुमाने लेकर गई थी, उसकी सहेली मिल गई उसे रास्ते मे और वो बातो मे ऐसी खोई की उसे पता ही चला Bruno कब गायब हो गया, थोड़ी देर उसने और उसकी सहेली ने ढूँढने की कोशिश की पर फिर सोचा वो खुद घर आ जाएगा और सिया घर लौट आई पर Bruno को नहीं आना था वो नहीं आया।  सिया ने Bruno को ढूँढने की बहुत कोशिश की पर वो नहीं मिला । इसके कुछ दिनो बाद एक रात अचानक सिया को Bruno की आवाज़ आई वो सुनकर घर के बाहर आई पर उसे Bruno नहीं दिखा । अगली सुबह भी उसने ढूँढने की कोशिश की पर उसे कुछ नहीं मिला। ये सिलसिला कुछ दिनो तक चला पर Bruno मिला नहीं कभी भी, हाँ कभी कभी एक झलक जरूर दिख जाती थी सिया को उसकी अपने कमरे मे और कभी उसके रूम के पीछे वाले garden मे झूले के पास लेकिन फिर वो...

कानून की कहानी

चित्र
कानून की कहानी सुहानी की शादी रवि से हुई थी,  दोनों ने पसंद से शादी की थी तो खुश भी बहुत थे दोनों पर धीरे धीरे सुहानी रवि पर उसके माँ पापा से अलग रहने का दबाव बनाने लगी। काफी बोलने के बाद भी रवि जब नहीं माना तो सुहानी धमकी देने पर उतर आई  कि  वापस अपने घर चली जाएगी पर फिर भी रवि अपने माँ पापा को छोड़ने तैयार नहीं हुआ।  सुहानी को समझ आ गया की ऐसे रवि मानेगा नहीं ना ही उसे जायदाद मे ही कुछ जल्दी मिल पाएगा। कुछ दिन घर मे शांति रही सुहानी ने किसी को कुछ नहीं कहा और लड़ाई भी बंद कर दी । पहले तो किसी को कुछ समझ नहीं आया सबको लगा सुहानी बदल गई है लेकिन असली बात तब पता चली जब रवि के घर पर पुलिस आई और  उसे और उस के   पूरे परिवार को पुलिस स्टेशन लेकर आ गई । जब रवि ने पूछा तो उसके पैरो तले जमीन खसक गई । सुहानी ने उसके और उसके परिवार के खिलाफ दहेज और मार पीट की FIR दर्ज कारवाई थी और दहेज प्रथा के मामलो मे वैसे भी न किसी सबूत की जरूरत होती है न वारंट की ।  2 दिन तक सभी jail मे बंद रहे । उसके बाद सुहानी से बात करने पर उसने कहा वो case तभी वापस लेगी जब उसे pro...

gharelu hinsa

चित्र
  gharelu hinsa  "घरेलू हिंसा" एक गंभीर सामाजिक मुद्दा है जो सदियों से भारतीय समाज को  परेशान कर रहा है। यह वर्ग, जाति, धर्म और शिक्षा की सीमाओं को पार कर लाखों महिलाओं और कुछ मामलों में पुरुषों को प्रभावित करता है लेकिन फर्क ये है कि महिलाओ के मामलो मे कानून बने हुए है उनकी सुनवाई होती है लेकिन पुरुषो के लिए ना कोई कानून है ना ही उनकी सुनवाई ही होती है, ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य का case इसका जीता जाता उदाहरण है ।    gharelu hinsa kya hai- घरेलू हिंसा में महिलाओ के मामलो मे दुर्व्यवहार के विभिन्न रूप शामिल हैं, जिनमें शारीरिक, भावनात्मक, यौन और आर्थिक शोषण शामिल हैं, यह एक गहरी जड़ें जमा चुकी समस्या है, जो अक्सर पितृसत्तात्मक रवैये, कठोर लिंग भूमिकाओं और सामाजिक मानदंडों से प्रेरित होती है जो परिवारों के भीतर हिंसा को सामान्य बना देते हैं।  पुरुषो के मामलो मे इसमे मारना और अपने माँ- पिता को घर से बाहर व्रद्धाश्रम मे भेजने के लिए मजबूर करना इसके अलावा जो भाई आपस मे साथ मे रहना चाहते उन पर property के बटवारे के लिए दबाव बनाना आता है और ये दबाव ये बोल...

Fake feminism

चित्र
 Fake feminism Real feminism feminism मतलब female को भी अपने Potential के according काम करने का बराबर हक मिल सके जो male को मिलता है,  female को home maker और बच्चे पैदा करने की machine की तरह न देखा जाए, एक body कि तरह नहीं देखा जाए बल्कि एक इंसान कि तरह देखा जाए पर आजकल females feminism के नाम पर खुद को body की तरह ही दिखाती है जो बिलकुल उल्टा है feminism का।  सोचकर देखिये  आप एक फिल्म Producer के पास जाए या किसी company मे job के लिए  जाए,  आ पने बहुत मेहनत से अपनी skills को संवारा है लेकिन वहा एक ऐसी लड़की को काम मिल जाए जो सिर्फ कुछ भी करने की आज़ादी के नाम पर और feminism के नाम पर उल्टी सीधी हरकते करके famous हुई है और आपके talent को ignore कर दिया जाता है।  आप घर आती है, आपकी सिस्टर आपसे कहे किसी लड़के ने उसे परेशान किया, आप उसे लेकर पुलिस के पास जाती है और पुलिस ये कहकर बात टाल दे  कि  यहा आने वाली आदि से ज्यादा लड़कियां ऐसे ही लड़को से छोटी छोटी बात पर लड़ाई करके उन पर झूठे case कर देती है।  इसके बाद आपका एक male friend आपको बताता ...