Fake feminism
Fake feminism
Real feminism
feminism मतलब female को भी अपने Potential के according काम करने का बराबर हक मिल सके जो male को मिलता है, female को home maker और बच्चे पैदा करने की machine की तरह न देखा जाए, एक body कि तरह नहीं देखा जाए बल्कि एक इंसान कि तरह देखा जाए पर आजकल females feminism के नाम पर खुद को body की तरह ही दिखाती है जो बिलकुल उल्टा है feminism का। सोचकर देखिये आप एक फिल्म Producer के पास जाए या किसी company मे job के लिए
जाए, आपने बहुत मेहनत से अपनी skills को संवारा है लेकिन वहा एक ऐसी लड़की को काम मिल जाए जो सिर्फ कुछ भी करने की आज़ादी के नाम पर और feminism के नाम पर उल्टी सीधी हरकते करके famous हुई है और आपके talent को ignore कर दिया जाता है।
आप घर आती है, आपकी सिस्टर आपसे कहे किसी लड़के ने उसे परेशान किया, आप उसे लेकर पुलिस के पास जाती है और पुलिस ये कहकर बात टाल दे कि यहा आने वाली आदि से ज्यादा लड़कियां ऐसे ही लड़को से छोटी छोटी बात पर लड़ाई करके उन पर झूठे case कर देती है।
इसके बाद आपका एक male friend आपको बताता है कि उसे किसी लड़की ने झूठे छेड-छाड के आरोप मे case करके फसा दिया है जबकि वो बिलकुल बेगुनाह है और अब उसकी family और वो खुद बदनामी झेल रहे है ।
इस छोटे से example से आपको समझ आ गया होगा कि समाज पर क्या असर हो रहा है इस fake feminism से।
Fake feminism का फायदा उठाकर कुछ लड़कियां इतने ग़भीर आरोप लगाती है कि लड़के की पूरी life बर्बाद हो जाती है, कई बार तो उस झूठे आरोप के कारण वो लड़का कई कई साल तक jail मे बंद रहता है।
Fake feminism का सबसे बड़ा नुकसान वो लड़कियां झेलती है जो सच मे victim होती है, उन पर कोई भी विश्वास नहीं करता है और उन्हे न्याय नहीं मिल पाता है ।
Fake feminism
अपने एक particular gender होने का फायदा उठाकर किसी बेगुनाह लड़के को फसा देना, अपने talent को छोड़कर feminism के नाम पर कुछ भी करके success पाने कि कोशिश करना ये fake feminism है और इसका असर पूरे समाज पर पड़ता है पर कुछ time की झूठी growth और success को हम permanent मानकर कुछ और सोचते ही नहीं है, इसके लिए हम feminism जैसे एक ऐसे आंदोलन को भी useकरते है जिसका मुख्य उदेश्य female को male के बराबर हक दिलवाना था।
इन सब से feminism word आज कि date मे मज़ाक बन कर रह गया है।
कुलमिलाकर हो ये रहा है कि जो feminism नाम का आंदोलन चला था ताकि लड़कियों को लड़को के बराबर हक मिल सके अब उसको अपनी मर्ज़ी से तोड़ मरोड़कर use करने के कारण इस आंदोलन का असली मकसद ही खत्म हो गया है और ये बन गया है fake feminism और इसका दुष्परिणाम झेल रही है सच मे victim लड़कियां और बेगुनाह लड़के जिनको झूठे case मे फसा दिया जाता है।
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अगर आपको video के माध्यम से ये topic समझना हो तो इस link पर click करके देख सकते है



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