संदेश

जून, 2023 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

पर्यावरण

चित्र
  पर्यावरण संरक्षण ME –तुम्हें पूछा ना उस दिन CAR POOLING के लिए?  तुमने मना क्यो किया?  HUMAN BRAIN – मै अपनी कार मे किसी को क्यो बिठाऊ ?  ME -तो वो भी तो तुम्हें छोड़ते अपनी कार मे ।  HUMAN BRAIN - नहीं उन सब की कार मे पेट्रोल कम लगता है, मेरी कार मे ज्यादा पैट्रोल लगता है ।  ME – तो सर्विस करवा लेना अच्छी।  HU MAN BRAIN – मेरी कार महंगी है वो लोग कैसे बैठ सकेंगे, मै भी परेशान हो जाऊंगा उनकी कार मे।  ME -तुमको एक मौका मिला प्रकृति के लिए कुछ करने का तुमने उसको भी मना कर दिया  और अब बेकार के बहाने बना रहे हो । HUMAN BRAIN – करता तो हूँ seminar organize करता हूँ ,बच्चो के लिए competition organize करवाता हूँ। ME -उससे कोई फायदा हुआ फिर?  HUMAN BRAIN – कितने लोगो को जागरूक किया है मैंने । मेरी पर्यावरण संरक्षण पर कविता भी तो छपी थी अखबार मे देखी नहीं तुमने ?  ME – मेरा मतलब है उससे पर्यावरण संरक्षण मे क्या फायदा हुआ ?   HUMAN BRAIN - तो उससे लोगो को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझ आएगा, पर्यावरण संरक्षण के उद्...

शादी

चित्र
    Human brain – 25 साल उम्र हो गई  है  उसकी अभी तक शादी नहीं हुई है  ।  मै – तो ?  Human brain – तो कुछ physical या mental problem होगी उसे ।  शादी मै –  हो सकता है उसे शादी ही नहीं करनी हो ।  Human brain –  तो फिर तो उसका character खराब होगा । शादी नहीं होने के कारण इसके अलावा और क्या ही हो सकते है ?  सब इतना बोल रहे मान जाना चाहिए उसे । मै     – देखो उसको शादी नहीं करनी तो उसके पीछे कोई कारण होगा, character कहाँ से आया बीच मे?  और शादी नहीं करेगे तो क्या होगा ? क्या जीवन मे शादी करना जरूरी है ? शादी नहीं करना है तो ना करे ।  Human brain  –  शादी नहीं करने के फायदे ?  मै –  ये कौनसी बात हुई ? किसी को शादी नहीं करनी तो क्या करे ।   पहले तो लोग कपड़े भी नहीं पहनते थे, पत्ते पहनते थे तो अभी भी वैसे ही रहेंगे क्या ?   इसमे फायदा नुकसान कहाँ से आया ?  Human brain –  नहीं उसने शादी नहीं की है तो कोई खराबी होगी उसमे  तभी   वरना कोई शा...

Equality

चित्र
  Equality Human brain -  मुझे Equality चाहिए ।   Me –                  मिल जाएगी, कोशिश कर तो रहे सब मिलकर ।  Human brain-   मिल कहाँ रही पूरी तरह से ।                                                            बस मे महिला सीट पर आदमी बैठ जाते है,                               स्पेशल कम्यूनिटी के लिए जो सुविधाये दे रखी है                               उसे  बाकी कम्यूनिटी वाले ले लेते है,                               जहा महिलाओ के लिए सुविधाये दे रखी है                ...

Social Media

चित्र
Human brain – मै हर खबर से अपडेट रहता हूँ ।  मै – अच्छा?  Human brain – हाँ, मुझे सब पता है,  वो celebrity देखा कितनी फ़ेमस है social media पर सिर्फ 24 साल उम्र है।  मै – और ?  Human brain – और वो trend जिसमे सब साथ मे एक गाने पर फोटो लेते है।  मै – और वो 25 साल का सिपाही जो कल शहीद हो गया ?  Human brain – पता नहीं वो तो देखा ही नहीं ।  मै – और वो जो नई कंपनी लॉंच हो रही इंडिया मे ?  Human brain – कौनसी ?  मै – रहने दे तेरे बस का नहीं है,  वो celebrity कैसे फ़ेमस हो गई इतनी?  क्या करती है वो?  कोई skill सिखाती होगी ?  Human brain – नहीं।  मै – फिर फ़ेमस कैसे हो गई?  Human brain – पता नहीं । मै – तो like और comment भी तो किया था , वो क्यो किया फिर?  Human brain – सब कर रहे थे तो मैंने भी कर दिया,  पर वो फ़ेमस है ना बहुत।  मै – पर क्या Talent है ?  क्यो फ़ेमस है वो ?  Human brain – पता नहीं ।  मै – रहने दे तेरे बस का नहीं है,   आगे जाक...

बेरोजगारी

चित्र
  बेरोजगारी भैया आप भी form भर दो!  मैंने कहा था और उन्होने जवाब दिया,  मै भीख मांग लूँगा पर ये काम नहीं करूंगा।  किसी सरकारी जॉब का form निकला था, मैंने कहा था साथ काम करने वाले से form भरने को तो उन्होने ऐसा जवाब दिया जो मेरी समझ ही नहीं आया ।  जिस जॉब का form निकला हुआ था, वो समाज के बुद्धिजीवियो के हिसाब से छोटे दर्जे का काम था और वो उन्ही बुद्धिजीवियो मे आते थे ।  सोचने की बात ये है  कि  उन्हे कोई भी काम करके पैसे कमाने से ज्यादा भीख मांगकर खाना ज्यादा पसंद है।   कारण क्योकि कुछ विशेष तरह के काम करने मे उन्हे शरम महसूस होती है,   शायद तभी जितने ज्यादा पढे-लिखे लोग है बेरोजगारी उतनी ज्यादा है और ज़्यादातर ये बेरोजगार सिर्फ अपनी छोटी सोच की व ज ह से कोई काम नहीं कर पाते। You may also like- सरकारी नौकरी लड़कियों की जॉब

सरकारी नौकरी

चित्र
  बड़े भाई साहब का बेटा ?  वो तो कुछ नहीं करता घर बैठा है 2 साल से । बड़े आराम से बोल दिया था चाचा जी ने,   उनके बेटे की शादी मे गया था मै,   उनके कमरे के बाहर से ही लौट आया ये सुनकर, जो चाय ले गया था वो भी वापस ले आया ।  टीस सी उठी उनकी बात सुनकर.   उनको ये तो दिखा कि मै घर  पर  हूँ,    ये नहीं दिखा कि सरकारी जॉब पाने के लिए कितनी मेहनत कर रहा हूँ ।  ऐसा नहीं था कि मै कुछ भी नहीं कर रहा था घर के लिए,   अपनी पढ़ाई के साथ ही घर मे मदद करने की भी पूरी कोशिश कर रहा था पर सरकारी जॉब की तैयारी करने वालों को सरकारी नौकरी लगने तक बेरोज़गार ही समझा जाता है।  ऊपर से मै तो लड़का हू । You may also like- बेरोजगारी बालश्रम

इंतज़ार

चित्र
  तुमने खाना खा लिया? वो अपनी महिला मित्र से पूछ रहा था फोन पर ।  आते ही रोज़ की तरह फोन लेकर अपने कमरे मे जाकर बैठ गया था वो।  उसकी माँ शारदा जी अभी भी उसे आवाज़ दे रही थी खाने के लिए।  काफी बार आवाज़ देने पर भी उसने सुना नहीं, तो वो उसके कमरे मे बुलाने गई थी उसे,  झल्लाकर उसने जवाब दिया था ,मैं खा लूँगा जब मुझे खाना होगा!   शारदा जी अपना काम करने रसोई मे चली गई।    उनका बेटा ना खाना खाने उनके पास आया, ना उसने रसोई से आती उनकी रोने की आवाज़ सुनी और ना ये देखा कि उन्होने भी अपने बेटे के इंतज़ार मे खाना नहीं खाया था । You may also like- पेंशन