बेरोजगारी
बेरोजगारी
मै भीख मांग लूँगा पर ये काम नहीं करूंगा।
किसी सरकारी जॉब का form
निकला था, मैंने कहा था साथ काम करने वाले से form
भरने को तो उन्होने ऐसा जवाब दिया जो मेरी समझ ही नहीं आया ।
जिस जॉब का form
निकला हुआ था, वो समाज के बुद्धिजीवियो के हिसाब से छोटे दर्जे का काम था और वो उन्ही बुद्धिजीवियो मे आते थे ।
सोचने की बात ये है कि उन्हे कोई भी काम करके पैसे कमाने से ज्यादा भीख मांगकर खाना ज्यादा पसंद है।
कारण क्योकि कुछ विशेष तरह के काम करने मे उन्हे शरम महसूस होती है,
शायद तभी जितने ज्यादा पढे-लिखे लोग है बेरोजगारी उतनी ज्यादा है और ज़्यादातर ये बेरोजगार सिर्फ अपनी छोटी सोच की वजह से कोई काम नहीं कर पाते।
You may also like-
Aaj ke time me sahi tarike se kamane ki bajaye log jyada paisa kam time ke andar kamane ki soch rakhte hai.Unko lagta hai ki job aise honi chahiye jisme salery ke sath sath aur doosre tarike se paisa kamaya ja sake, chahe uske kiye tarika galat he kyu na ho wo sharam nahi karenge.
जवाब देंहटाएं