पानी की बॉटल
सफर के दौरान एक जगह बस रुकी तो सामने खड़ी दूसरी बस पर नज़र गई।
बस के बाहर एक 12,13 साल का बच्चा पानी की bottle बेच रहा था, एक आदमी ने bottle तो ले ली पर पैसे निकालकर नहीं रखे उसके लिए और जब उसने मांगे तो बहुत आराम से जेब मे हाथ डालकर पैसे दिये उसे।
उस बच्चे के हाव भाव मे ड़र साफ दिख रहा था की अगर बस निकल जाएगी तो उसके पैसे नहीं मिलेंगे,
पर उस आदमी को पता नहीं क्या मज़ा आ रहा था उस बच्चे को परेशान करने मे वो पैसे हाथ मे रखकर उससे सवाल कर रहा था बेकार के।
उस बच्चे को तो स्कूल मे या किसी संस्था मे सही जगह जाने मे मदद करनी चाहिए पर यहा तो वो आदमी उसे और परेशान कर रहा था।
अगर हम ऐसे बच्चो की मदद नहीं कर पा रहे तो कम से कम उनकी मजबूरी का मज़ाक तो न बनाए।
अगर आपको मनोरंजन ही करना है अपना, तो और ढेर सारे साधन है उसके लिए,
किसी दूसरे इंसान की मजबूरी का मज़ाक उडाकर कैसे मनोरंजन किया जा सकता है अपना।
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किसी की मजबूरी का मज़ाक उड़ाना आजकल लोगो की आदत सी बन गई है।मगर जब खुद के ऊपर मुसीबत आती है तब इन लोगो की हँसी गायब हो जाती है।
जवाब देंहटाएंउस आदमी ने कभी बुरा समय नही देखा होगा इस लिए उससे उस बच्चे के बुरे समय का एहसास नही होगा और ऐसे ही जिन लोगो ने बुरा समय कभी देखा नही वो लोगो दुसरो के बुरे समय मे उनको सिफॅ मदद करने का दिखावा करते हैं पर सच मे मदद करते नही है
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